बुधवार, 08 सितम्बर, 2021
धन्य कुँवारी मरियम का जन्मोत्सव
पहला पाठ : मीकाह 5:1-4
1) बेथलेहेम एफ्राता! तू यूदा के वंशों में छोटा है। जो इस्राएल का शासन करेगा, वह मेरे लिए तुझ में उत्पन्न होग। उसकी उत्पत्ति सुदूर अतीत में, अत्यन्त प्राचीन काल में हुई है।
2) इसलिए प्रभु उन्हें तब तक त्याग देगा, जब तक उसकी माता प्रसव न करे। तब उसके बचे हुए भाई इस्राएल के लोगों से मिल जायेंगे।
3) वह उठ खडा हो जायेगा, वह प्रभु के सामर्थ्य से तथा अपने ईश्वर के नाम प्रताप से अपना झुण्ड चरायेगा। वे सुरक्षा में जीवन बितायेंगे, क्योंकि वह देश के सीमान्तों तक अपना शासन फैलायेगा
4) और शांति बनाये रखेगा। जब अस्सूरी लोग हमारे देश पर आक्रमण करेंगे और हमारी भूमि में घुसपैठ करेंगे, तब हम उनके विरुद्ध सात चरवाहों और आठ शासकों को नियुक्त करेंगे।
अथवा - पहला पाठ : रोमियो 8:28-30
28) हम जानते हैं कि जो लोग ईश्वर को प्यार करते हैं और उसके विधान के अनुसार बुलाये गये हैं, ईश्वर उनके कल्याण के लिए सभी बातों में उनकी सहायता करता है;
29) क्योंकि ईश्पर ने निश्चित किया कि जिन्हें उसने पहले से अपना समझा, वे उसके पुत्र के प्रतिरूप बनाये जायेंगे, जिससे उसका पुत्र इस प्रकार बहुत-से भाइयों का पहलौठा हो।
30) उसने जिन्हें पहले से निश्चित किया, उन्हें बुलाया भी है: जिन्हें बुलाया, उन्हें पाप से मुक्त भी किया है और जिन्हें पाप से मुक्त किया, उन्हें महिमान्वित भी किया है।
सुसमाचार : मत्ती 1:1-6, 18-23
(1) इब्राहीम की सन्तान, दाऊद के पुत्र, ईसा मसीह की वंशावली।
(2) इब्राहीम से इसहाक उत्पन्न हुआ, इसहाक से याकूब, याकूब से यूदस और उसके भाई,
(3) यूदस और थामर से फ़़ारेस और ज़़ारा उत्पन्न हुए। फ़़ारेस से एस्रोम, एस्रोम से अराम,
(4) अराम से अमीनदाब, अमीनदाब से नास्सोन, नास्सोन से सलमोन,
(5) सलमोन और रखाब से बोज़़, बोज़ और रूथ से ओबेद, ओबेद से येस्से,
(6) येस्से से राजा दाऊद उत्पन्न हुआ। दाऊद और उरियस की विधवा से सुलेमान उत्पन्न हुआ।
(18) ईसा मसीह का जन्म इस प्रकार हुआ। उनकी माता मरियम की मँगनी यूसुफ से हुई थी, परंतु ऐसा हुआ कि उनके एक साथ रहने से पहले ही मरियम पवित्र आत्मा से गर्भवती हो गयी।
(19) उसका पति यूसुफ चुपके से उसका परित्याग करने की सोच रहा था, क्योंकि वह धर्मी था और मरियम को बदनाम नहीं करना चाहता था।
(20) वह इस पर विचार कर ही रहा था कि उसे स्वप्न में प्रभु का दूत यह कहते दिखाई दिया, "यूसुफ! दाऊद की संतान! अपनी पत्नी मरियम को अपने यहाँ लाने में नहीं डरे,क्योंकि उनके जो गर्भ है, वह पवित्र आत्मा से है।
(21) वे पुत्र प्रसव करेंगी और आप उसका नाम ईसा रखेंगें, क्योंकि वे अपने लोगों को उनके पापों से मुक्त करेगा।"
(22) यह सब इसलिए हुआ कि नबी के मुख से प्रभु ने जो कहा था, वह पूरा हो जाये -
(23) देखो, एक कुँवारी गर्भवती होगी और पुत्र प्रसव करेगी, और उसका नाम एम्मानुएल रखा जायेगा, जिसका अर्थ हैः ईश्वर हमारे साथ है।
📚 मनन-चिंतन
जिस प्रकार हर एक व्यक्ति के लिए उनकी मॉं का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण रहता है, ठीक उसी प्रकार हम सभी कलीसिया के सदस्य के लिए कलीसिया की माता का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण है और आज कलीसिया कुवारी मरियम का जन्मोत्सव मना रही है। यह पर्व मरियम के पर्वो में से एक बहुत ही प्रचलित पर्व है जिसे बडे़ जोर शोर से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कलीसिया में हम तीन व्यक्तियों का जन्मोत्सव मनाते है जिसमें प्रभु येसु का जन्म, मरियम का जन्म और संत योहन बपतिस्ता का जन्म है।
मरियम का जन्म इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि उनके द्वारा ही इस संसार के मुक्तिदाता का जन्म इस संसार में संभव हो पाया। ईश्वर ने मरियम को चुना जिससे कि वे संसार में अपने पुत्र को भेज सके और मरियम को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि वे गर्भ से ही निष्कलंक अर्थात पाप रहित थी। मरियम का निष्कलंक जन्म लेने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस निष्कलंकता अर्थात् पवित्रता को बनाये रखना ज्यादा महत्वपूर्ण कार्य था।
आज का पर्व हमें ईश्वर की योजना के बारे में बताता है कि किस प्रकार ईश्वर अपनी योजनाओ को बनाता है और वह यही चाहता है कि हम उसकी योजनों को पूर्ण करने में उनका साथ दे, जिस प्रकार मॉं मरियम ने साथ दिया।
इस संसार में हर स्त्री चाहेगी कि वह प्रभु कि मॉं बने। परंतु मरियम के सिवा शायद ही कोई इस भूमिका को निभा पाता। आज का पर्व हम सभी के लिए एक उल्लास का पर्व है क्यांेकि मरियम के जन्म के द्वारा प्रभु येसु का इस संसार में मानव के रूप में जन्म हुआ अन्यथा यह पल कब आता हम सोच भी नहीं पाते। आज का पर्व हम सब के लिए मॉं मरियम की अशिषों से भर दें। आमेन!
📚 REFLECTION
Just as for every person the place of mother is an important one, likewise for us members of the Church, the mother of the Church has an important place and today we the Church is celebrating the feast of Nativity of Virgin Mary. This feast is one of the popular feasts among the many feasts of Mary which is celebrated with lots of joy and enthusiasm. In the Catholic Church we celebrate the birthdays of three important persons in which there is birthday of Lord Jesus, birthday of Blessed Virgin Mary and the birthday of St. John the Baptist.
The birthday of Mary is important also for the reason that through her only the birth of Saviour became possible in this world. God chose Mary so that he can send his Son to the world and it was Mary’s good fortune that she remained immaculate or sinless from the moment of her conception. For Mary to remain sinless or holy was all the more important to be born sinless.
Today’s feast tells about the plan of God that how God makes the plan and He only wants our collaboration in the accomplishment of that plan just as Mary did.
In this world every woman may want to be the mother of God, but other than Mary nobody else would have been suitable for this. Today’s feast is a moment of joy for all of us because due to the birth of Mary the birth of Jesus could happen otherwise when this time would have come nobody could think of. May today’s feast fill all of us with the blessings of Mother Mary. Amen!
✍ -Br Biniush Topno
No comments:
Post a Comment