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मै और मेरा परिचय

 मै और मेरा परिचय 

मैं बिनिऊष तोपनो डिब्रूगढ़ असम का रहने वाला हूं आज में मेरे पापा के लिए कुछ लिखने जा रहा हूं। जो आज  हमलोगो के बीच नहीं  रहे ।में एक छोटा परिवार से हूं और मेरे पापा का बढ़ा बेटा,  में छोटे से पढ़ाई करते आ रहा हूं और  अभी हॉयर स्टडीज पढ़ रहा हूं मुझे तभी से पढ़ाई में सहायता करते आया है हरेक कमियी में पूरा करता था ।  आज जो पाप ने मेरे लिए किया । आज में पढ़ाई करके कुछ पापा का नाम रोशन करने जा रहा हूं ताकि लोग कह पाए कि आपका लडका को आप बहुत अच्छा बनाया और आप जैसा पापा। पाप कहते थे कि  मैं खुदको बेचकर भी सपने पुरे करूँगा तेरे । बस तू सपने जरा बड़े देखना । मित्रों हमारे संसार की शुरुआत माता पिता से ही होती हैं. अतः हमारा सर्वस्व जीवन उन्ही देवता को समर्पित रहना चाहिए. जीवन में एक पिता का महत्व एवं किरदार क्या होता हैं.बेटे और बेटी पर बाप का छाया होता हैं।दिल  से लौटू तो ऐसा लगता हैं कि कोई बुला रहा है,, घर के अन्दर से निकलकर जैसे कोई मेरे पास आ रहा है। लगता हैं कि वो डाँटेगा और कहेगा कि मास्क लगाया नहीं तूने, अरे ये बाईक और मोबाईल भी आज सेनेटाइज किया नहीं तूने। महामारी फैली हुई हैं और तू बेपरवाह होता जा रहा है, हेलमेट भी नही लगाया कितना लापरवाह होता जा रहा है। हर रोज की तरह आज भी तू मुझको बताकर नही गया, तेरी माँ सुबह से परेशान है कि तू खाना खाकर नही गया। सोचता हूँ कि ये सब घर पर सुनूंगा और सहम जाऊंगा मैं, मगर ये क्या पता कि अब ये सिर्फ एक वहम पाऊंगा मैं। अब घर लौटते ही दरवाज़े पर खड़े पिताजी नहीं मिलते, मेरी जीवन नौका तारणहार मेरे वो माझी नहीं मिलते। अब क्या गलत है और क्या सही है ये बताने वाला कोई नहीं, बार बार डांटकर फटकार कर अब समझाने वाला कोई नहीं। आज सब कुछ पाकर जब अपने पैरों पर खड़ा हो चुका हूं मैं, पर पापा मेरी गलती नहीं बताते क्या इतना बड़ा हो चुका हूं मैं। आज सुख चैन है, खुशियां है मेरे पास मगर आप नहीं, ये मकान सशरीर खड़ा है मगर इसमें शायद प्राण नहीं। धैर्य, त्याग, स्नेह, समर्पण, परिश्रम और अनुशासन है, पिताजी परिवार रूपी देश पर एक लोकतांत्रिक शासन है।वो, जो मेरी ख़ुशी केे लिए अपनी ख़ुशी भूल जाते हैं | वो जो मेरी एक हसीं केे लिए कुछ भी कर जाते हैं | आने लगे जो कोई ग़म मेरी ज़िंदगी में, वो आने से पहले ही उससे लड़ जाते हैं | आँसू ना आये मेरी आँखों से इसका वो पूरा ख्याल रखते है, अपने दर्द को मेरे सामने वो अक्सर छुपाया करते हैं | जो मुझे चाहिए , वो वक़्त से पहले ला देते हैं, इस क़दर वो अपना निस्वार्थ प्रेम जताया करते हैं | मेरे नाम से जाने सब उन्हें , ये सपना है उनका , पूरा करना है ये सपना , यही है मकसद ज़िंदगी का | उनके गुस्से में भी प्यार छुपा होता है , उनकी डाट में भी दुलार भरा होता है , और उसी शख्स का नाम पापा होता हैं | अभी जो कुछ कम कर रहा हूं पापा वह आपको प्रिया लगे । मेरी हर मुश्किल में मेरे साथ मेरी ख़ुशी में मेरे गम में मेरे साथ जिसने कभी टूटने दिया नहीं रास्ते में कभी तनहा किया नहीं एक वहीं ! जिसने अपने जीवन की पूंजी लगा दी मुझे संवारने में अपने संस्कारों से.. अपने तजूर्बे से... जिसने दिन को दिन न समझा जिसने रात को रात न समझा जिसने मुझे ये ज़िन्दगी दी ! एक वहीं (मेरे पिता) हम पानी से नहाते हैं वो पसीने से नहाता है देखकर मुस्कान हमारे चेहरे की वो अपना हर दर्द भूल जाता है मुकम्मल हो हमारे सपने इसलिए वो हर रोज़ काम पे जाता है वो हस्ती कोई आम नहीं जो पिता कहलाता है जीवन की कहानी कितनी ही लंबी क्यूँ ना हो जाये ... लेकिन इस कहानी का सारांश हमेशा आप ही रहोगें ... पिता जी /पापा ?लिखने की बुनियाद कलम है, और ये कलम मुझे मेरे पिता ने दिलाई. बस इतना लिख के समाप्त करता हूं पापा कहने तो बहुत है। पर कभी मौका मिलने से फिर खत लिखूंगा बहुत याद आ रहा है पापा 

✍️आपका बेटा अल्बिनिऊष तोपनो 💞❣️