मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
Duliajan, Assam, India
Catholic Bibile Ministry में आप सबों को जय येसु ओर प्यार भरा आप सबों का स्वागत है। Catholic Bibile Ministry offers Daily Mass Readings, Prayers, Quotes, Bible Online, Yearly plan to read bible, Saint of the day and much more. Kindly note that this site is maintained by a small group of enthusiastic Catholics and this is not from any Church or any Religious Organization. For any queries contact us through the e-mail address given below. 👉 E-mail catholicbibleministry21@gmail.com

मई 02, 2025 पास्का का दूसरा सप्ताह – शुक्रवार


मई 02, 2025

पास्का का दूसरा सप्ताह शुक्रवार



पहला पाठ

प्रेरित-चरित 5:34-42

प्रेरित इसलिए आनन्दित हो कर महासभा के भवन से निकले कि वे येसु के नाम के कारण अपमानित होने योग्य समझे गये।"

उस समय गमालिएल नामक फरीसी, जो संहिता का शास्त्री और सारी जनता में सम्मानित था, महासभा में उठ खड़ा हुआ। उसने प्रेरितों को थोड़ी देर के लिए बाहर ले जाने का आदेश दिया और महासभा के सदस्यों से यह कहा, "इस्राएली भाइयो! आप सावधानी से विचार करें कि इन लोगों के साथ क्या करने जा रहे हैं। कुछ समय पहले थेउदस प्रकट हुआ। वह दावा करता था कि मैं भी कुछ हूँ और लगभग चार सौ लोग उसके अनुयायी बन गये। वह मारा गया, उसके सभी अनुयायी बिखर गये और उनका नाम-निशान भी नहीं रहा। उसके बाद, जनगणना के समय, यूदस गलीली प्रकट हुआ। उसने बहुत-से लोगों को बहका कर अपने विद्रोह में सम्मिलित कर लिया। वह भी नष्ट हो गया और उसके सभी अनुयायी बिखर गये। इसलिए इस विषय के संबंध में मैं आप लोगों से यह कहना चाहता हूँ कि आप इनके काम में दखल मत दें और इन्हें अपनी राह चलने दें। यदि यह योजना अथवा आन्दोलन मनुष्यों का है, तो यह अपने आप नष्ट हो जायेगा। परन्तु यदि यह ईश्वर का है, तो आप इन्हें नहीं मिटा सकेंगे और ईश्वर के विरोधी प्रमाणित होंगे।" वे उसकी बात मान गये। उन्होंने प्रेरितों को बुला भेजा, उन्हें कोड़े लगवाये और यह कड़ा आदेश दे कर छोड़ दिया कि तुम लोग येसु का नाम ले कर उपदेश मत दिया करो। प्रेरित इसलिए आनन्दित हो कर महासभा के भवन से निकले कि वे येसु के नाम के कारण अपमानित होने योग्य समझे गये। वे प्रतिदिन मंदिर में और घर-घर जा कर शिक्षा देते रहे और येसु मसीह का सुसमाचार सुनाते रहे।

 

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 26:1,4,13-14

अनुवाक्य : मैं प्रभु से यही प्रार्थना करता रहा कि मैं जीवन भर प्रभु के घर में निवास करूँ। (अथवा : अल्लेलूया!)

 

1. प्रभु मेरी ज्योति और मेरी मुक्ति है, तो मैं किस से डरूँ? प्रभु मेरे जीवन की रक्षा करता है, तो मैं किस से भयभीत होऊँ?

 

2. मैं प्रभु से यही प्रार्थना करता रहा कि मैं जीवन भर प्रभु के घर में निवास करूँ और प्रभु की मधुर छत्र छाया में रह कर उसके मंदिर में मनन करूँ।

 

3. मुझे विश्वास है कि मैं इस जीवन में प्रभु की भलाई को देख पाऊँगा। प्रभु पर भरोसा रखो, दृढ़ रहो और प्रभु पर भरोसा रखो।

 

सुसमाचार

जयघोष

अल्लेलूया! मनुष्य रोटी से ही नहीं जीता है। वह ईश्वर के मुख से निकलने वाले हर एक शब्द से जीता है। अल्लेलूया!

 

सन्त योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 6:1-15

"उन्होंने बैठे हुए लोगों को रोटियाँ उनकी इच्छा भर बँटवायीं।"

येसु गलीलिया अर्थात् तिबेरियस के समुद्र के उस पार चले गये। एक विशाल जन समूह उसके पीछे हो लिया, क्योंकि लोगों ने उन चमत्कारों को देखा था, जिन्हें येसु बीमारों के लिए करते थे। येसु पहाड़ी पर चढ़े और वहाँ अपने शिष्यों के साथ बैठ गये। यहूदियों का पास्का पर्व निकट था। येसु ने अपनी आँखें ऊपर उठायीं और देखा कि एक विशाल जनसमूह उनकी ओर आ रहा है और उन्होंने फिलिप से यह कहा, "हम इन्हें खिलाने के लिए कहाँ से रोटियाँ खरीदें? " उन्होंने फिलिप की परीक्षा लेने के लिए यह कहा। वह जानते ही थे कि वह क्या करेंगे। फिलिप ने उन्हें उत्तर दिया, "दो सौ दीनार की रोटियाँ भी इतनी नहीं होंगी कि हर एक को थोड़ी-थोड़ी मिल सके।" उनके शिष्यों में से एक, सिमोन पेत्रुस के भाई अंद्रेयस ने कहा, "यहाँ एक लड़के के पास जौ की पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं, पर यह इतने लोगों के लिए क्या है? " येसु ने कहा "लोगों को बैठा दो"। उस जगह बहुत घास थी। लोग बैठ गये। पुरुषों की संख्या लगभग पाँच हजार थी। येसु ने रोटियाँ ले लीं, धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ी और बैठे हुए लोगों में उन्हें उनकी इच्छा भर बँटवायीं। उन्होंने मछलियाँ भी इसी तरह बँटवायीं। जब लोग खा कर तृप्त हो गये, तो येसु ने अपने शिष्यों से कहा, "बचे हुए टुकड़े बटोर लो, जिससे कुछ भी बर्बाद न हो"। इसलिए शिष्यों ने उन्हें बटोर लिया और उन टुकड़ों से बारह टोकरे भरे, जो लोगों के खाने के बाद जौ की पाँच रोटियों से बच गये थे। लोग येसु का यह चमत्कार देख कर बोल उठे, "निश्चय ही यह वह नबी हैं, जो संसार में आने वाले हैं।" येसु समझ गये कि वे आ कर मुझे राजा बनाने के लिए पकड़ ले जायेंगे, इसलिए वह फिर अकेले ही पहाड़ी पर चले गये।

 

प्रभु का सुसमाचार।



Copyright © www.catholicbibleministry1.blogspot.com.com

Praise the Lord!

मई 01, 2025 पास्का का दूसरा सप्ताह – बृहस्पतिवार

मई 01, 2025

पास्का का दूसरा सप्ताह बृहस्पतिवार



पहला पाठ

प्रेरित-चरित 5:27-33


"इन बातों के साक्षी हम हैं और पवित्र आत्मा भी।"

प्यादों ने प्रेरितों को ले आ कर महासभा के सामने पेश किया। प्रधानयाजक ने उन से यह कहा, "हमने तुम लोगों को कड़ा आदेश दिया था कि वह नाम ले कर शिक्षा मत दिया करो, परन्तु तुम लोगों ने येरुसालेम के कोने-कोने में अपनी शिक्षा का प्रचार किया और तुम उस मनुष्य की हत्या की जिम्मेवारी हमारे सिर पर मढ़ना चाहते हो।" इस पर पेत्रुस और अन्य प्रेरितों ने यह उत्तर दिया, "मनुष्यों की अपेक्षा ईश्वर की आज्ञा का पालन करना कहीं अधिक उचित है। आप लोगों ने येसु को क्रूस पर लटका कर मार डाला था, किन्तु हमारे पूर्वजों के ईश्वर ने उन्हें पुनर्जीवित किया है। ईश्वर ने उन्हें शासक तथा मुक्तिदाता का उच्च पद दे कर अपने दाहिने बैठा दिया, जिससे वह उनके द्वारा इस्राएल को पश्चात्ताप तथा पापक्षमा प्रदान करे। इन बातों के साक्षी हम हैं और पवित्र आत्मा भी, जिसे ईश्वर ने उन लोगों को प्रदान किया है, जो उनकी आज्ञा पालन करते हैं।" यह सुन कर वे अत्यन्त क्रुद्ध हो उठे और उन्होंने प्रेरितों को मार डालने का निश्चय किया।

 

प्रभु की वाणी।

 

भजन : स्तोत्र 33:2,9,17-20

अनुवाक्य : दीन-हीन ने दुहाई दी और प्रभु ने उसकी सुनी। (अथवा : अल्लेलूया!)

 

1. मैं सदा ही प्रभु को धन्य कहूँगा, मेरा कंठ निरन्तर उसकी स्तुति करता रहेगा। परख कर देखो कि प्रभु कितना भला है। धन्य है वह, जो उसकी शरण में जाता है।

 

2. प्रभु की कृपादृष्टि धर्मियों पर बनी रहती है, वह उनकी पुकार पर कान देता है। धर्मी प्रभु की दुहाई देते हैं। वह उनकी सुनता और हर प्रकार की विपत्ति में उनकी रक्षा करता है।

 

3. प्रभु दुःखियों से दूर नहीं है। जिसका मन टूट गया, वह उन्हें सँभालता है। धर्मी विपत्तियों से घिरा रहता है, किन्तु उन सबों से प्रभु उसे छुड़ाता है।

 

जयघोष

अल्लेलूया! थोमस! क्या तुम इसलिए विश्वास करते हो कि तुमने मुझे देखा है? धन्य हैं वे, जो बिना देखे ही विश्वास करते हैं। अल्लेलूया!

 

सुसमाचार

सन्त योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 3:31-36

"पिता पुत्र को प्यार करता है और उसी के हाथ में उसने सब कुछ दे दिया है।"

"जो ऊपर से आता है वह सर्वोपरि है। जो पृथ्वी से आता है, वह पृथ्वी का है और पृथ्वी की बातें बोलता है। जो स्वर्ग से आता है, वह सर्वोपरि है। उसने जो कुछ देखा और सुना है, वह उसी का साक्ष्य देता है; किन्तु कोई भी उसका साक्ष्य स्वीकार नहीं करता। जो उसका साक्ष्य स्वीकार करता है, वह ईश्वर की सत्यता प्रमाणित करता है। जिसे ईश्वर ने भेजा है, वह ईश्वर के ही शब्द बोलता है, क्योंकि ईश्वर उसे प्रचुर मात्रा में पवित्र आत्मा प्रदान करता है। पिता पुत्र को प्यार करता है और उसी के हाथ उसने सब कुछ दे दिया है। जो पुत्र में विश्वास करता है, उसे अनन्त जीवन प्राप्त है। परन्तु जो पुत्र में विश्वास करने से इनकार करता है, उसे जीवन प्राप्त नहीं होगा। ईश्वर का क्रोध उस पर बना रहेगा।

 

प्रभु का सुसमाचार।


Copyright © www.catholicbibleministry1.blogspot.com.com

Praise the Lord!

अप्रैल 30, 2025 पास्का का दूसरा सप्ताह – बुधवार

 

अप्रैल 30, 2025

पास्का का दूसरा सप्ताह बुधवार





पहला पाठ 
 प्रेरित-चरित 5:17-26

"आप लोगों ने जिन व्यक्तियों को बन्दीगृह में डाल दिया था, वे मंदिर में जनता को शिक्षा दे रहे हैं।"

प्रधानयाजक और उसके सब संगी-साथी, अर्थात् सदूकी सम्प्रदाय के सदस्य, ईर्ष्या से जलने लगे। उन्होंने प्रेरितों को गिरफ्तार कर सरकारी बन्दीगृह में डाल दिया। परन्तु ईश्वर के दूत ने रात को बन्दीगृह के द्वार खोल दिये और प्रेरितों को बाहर ले जा कर यह कहा, "जाइए और निडर हो कर मंदिर में जनता को इस नवजीवन की पूरी-पूरी शिक्षा सुनाइए।" उन्होंने यह बात मान ली और भोर होते ही वे मंदिर जा कर शिक्षा देने लगे। जब प्रधानयाजक और उसके संगी-साथी आये, तो उन्होंने महासभा अर्थात् इस्राएली नेताओं की सर्वोच्च परिषद् बुलायी और प्रेरितों को ले आने के लिए प्यादों को बन्दीगृह भेजा। जब प्यादे वहाँ पहुँचे, तो उन्होंने प्रेरितों को बन्दीगृह में नहीं पाया। उन्होंने लौट कर यह समाचार दिया, "हमने देखा कि बन्दीगृह बड़ी सावधानी से बन्द किया हुआ है और पहरेदार फाटकों पर तैनात हैं, किन्तु खोलने पर हमें भीतर कोई भी नहीं मिला।" यह सुन कर मंदिर-आरक्षी के नायक और महायाजक यह नहीं समझ पा रहे थे कि प्रेरितों का क्या हुआ है। इतने में किसी ने आ कर उन्हें यह समाचार दिया, “देखिए, आप लोगों ने जिन व्यक्तियों को बन्दीगृह में डाल दिया था, वे मंदिर में जनता को शिक्षा दे रहे हैं।" इस पर मंदिर का नायक अपने प्यादों के साथ जा कर प्रेरितों को ले आया। वे प्रेरितों को बलपूर्वक नहीं ले आये, क्योंकि वे लोगों से डरते थे कि कहीं हम पर पथराव न करें।

 

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 33:2-9


अनुवाक्य : दीन-हीन ने दुहाई दी और प्रभु ने उसकी सुनी। (अथवा : अल्लेलूया!)

 

1. मैं सदा ही प्रभु को धन्य कहूँगा, मेरा कंठ निरन्तर उसकी स्तुति करता रहेगा। मेरी आत्मा प्रभु पर गौरव करेगी। विनम्र, सुन कर, आनन्दित हो उठेंगे।

 

2. मेरे साथ प्रभु की महिमा का गीत गाओ, हम मिल कर उसके नाम की स्तुति करें। मैंने प्रभु को पुकारा। उसने मेरी सुनी। और मुझे हर प्रकार के भय से मुक्त कर दिया।

 

3. जो प्रभु की ओर दृष्टि लगाता है, वह आनन्दित होगा उसे कभी लज्जित नहीं होना पड़ेगा। दीन-हीन ने प्रभु की दुहाई दी। प्रभु ने उसकी सुनी और उसे हर प्रकार की विपत्ति से बचा लिया।

 

4. प्रभु का दूत उसके भक्तों के पास डेरा डाल कर उनकी रक्षा करता है। परख कर देखो कि प्रभु कितना भला है। धन्य है वह, जो उसकी शरण में जाता है।

 

सुसमाचार

जयघोष

अल्लेलूया! ईश्वर ने संसार को इतना प्यार किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करे, वह अनन्त जीवन प्राप्त करे। अल्लेलूया!

 

सन्त योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 3:16-21

"ईश्वर ने अपने पुत्र को इसलिए भेजा है कि संसार उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करे।"

"ईश्वर ने संसार को इतना प्यार किया कि उसने उसके लिए अपने एकलौते पुत्र को अर्पित कर दिया, जिससे जो कोई उस में विश्वास करे, उसका सर्वनाश न हो, बल्कि वह अनन्त जीवन प्राप्त करे। ईश्वर ने अपने पुत्र को संसार में इसलिए नहीं भेजा है कि वह संसार को दोषी ठहराये। उसने उसे इसलिए भेजा है कि संसार उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करे। "जो पुत्र में विश्वास करता है, वह दोषी नहीं ठहराया जाता है। जो विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहराया जा चुका है, क्योंकि वह ईश्वर के एकलौते पुत्र के नाम में विश्वास नहीं करता। दण्डाज्ञा का कारण यह है कि ज्योति संसार में आयी है और मनुष्यों ने ज्योति की अपेक्षा अंधकार को अधिक पसंद किया, क्योंकि उनके कर्म बुरे थे। जो बुराई करता है, वह ज्योति से बैर रखता है और ज्योति के पास इसलिए नहीं आता कि कहीं उसके कर्म प्रकट न हो जायें। किन्तु जो सत्य पर चलता है, वह ज्योति के पास आता है जिससे यह प्रकट हो कि उसके कर्म ईश्वर की प्रेरणा से हुए हैं।"

 

प्रभु का सुसमाचार।


Copyright © www.catholicbibleministry1.blogspot.com.com

Praise the Lord!

अप्रैल 29, 2025 पास्का का दूसरा सप्ताह, मंगलवार

 

 

 

अप्रैल 29, 2025

पास्का का दूसरा सप्ताह, मंगलवार



पहला पाठ

प्रेरित-चरित 4:32-37

"एकहृदय और एकप्राण।"

विश्वासियों का समुदाय एकहृदय और एकप्राण था। कोई भी अपनी सम्पत्ति अपनी ही नहीं समझता था। जो कुछ उनके पास था, उस में सबों का साझा था। प्रेरित बड़ी शक्ति से प्रभु येसु के पुनरुत्थान का साक्ष्य देते रहते थे। जनता उन सबों को बहुत मानती थी। उन में कोई कंगाल नहीं था, क्योंकि जिनके पास खेत या मकान थे, वे उन्हें बेच देते थे। और कीमत ला कर प्रेरितों के चरणों में अर्पित करते थे। प्रत्येक को उसकी आवश्यकता के अनुसार बाँटा जाता था। योसेफ नामक लेवी-वंशी का जन्म कुप्नुस में हुआ था। प्रेरितों ने उसका उपनाम बरनाबस अर्थात् सान्त्वना-पुत्र रखा था। उसके एक जमीन थी। उसने उसे बेच दिया और उसकी कीमत ला कर प्रेरितों के चरणों में अर्पित कर दिया।

प्रभु की वाणी।

भजन : स्तोत्र 92:1-2

अनुवाक्य : प्रभु, प्रताप से विभूषित होकर, राज्य करता है। (अथवा : अल्लेलूया!

1. प्रभु, प्रताप से विभूषित हो कर, राज्य करता है। उसने सामर्थ्य धारण कर लिया है।

2. तूने पृथ्वी को सुदृढ़ और सुस्थिरं बनाया है। तेरा सिंहासन प्रारंभ से ही सुदृढ़ है।

3. हे प्रभु! तेरे आदेश अपरिवर्तनीय हैं। तेरे मंदिर की पवित्रता अनन्तकाल तक बनी रहेगी।

सुसमाचार

जयघोष

अल्लेलूया! मानव पुत्र को ऊपर उठाया जाना है, जिससे जो कोई उस में विश्वास करे, वह अनन्त जीवन प्राप्त करे। अल्लेलूया!

योहन के अनुसार पवित्र सुसमाचार 3:7-15

"मानव पुत्र स्वर्ग से उतरा है। उसके सिवा कोई भी स्वर्ग नहीं पहुँचा है।"

येसु ने निकोदेमुस से कहा, "आप को दुबारा जन्म लेना है। पवन जिधर चाहता है, उधर बहता है। आप उसकी आवाज सुनते हैं, किन्तु यह नहीं जानते कि वह किधर से आता और किधर जाता है। वह, जो आत्मा से जन्मा है, ऐसा ही है।" निकोदेमुस ने उन से पूछा, "यह कैसे हो सकता है? येसु ने उसे उत्तर दिया, "इस्राएल के गुरु होते हुए भी आप यह नहीं समझ सकते हैं? मैं आप से कहे देता हूँ हम जो जानते हैं, वही कहते हैं और हमने जो देखा है, उसी का साक्ष्य देते हैं; किन्तु आप लोग हमारा साक्ष्य स्वीकार नहीं करते। मैंने आप को पृथ्वी की बातें बतायीं और आप विश्वास नहीं करते। यदि मैं आप को स्वर्ग की बातें बताऊँ, तो आप कैसे विश्वास करेंगे? "मानव पुत्र स्वर्ग से उतरा है। उसके सिवा कोई भी स्वर्ग नहीं पहुँचा है। जिस तरह मूसा ने मरुभूमि में साँप को ऊपर उठाया था, उसी तरह मानव पुत्र को भी ऊपर उठाया जाना है, जिससे जो कोई उस में विश्वास करे, वह अनन्त जीवन प्राप्त करे।"

प्रभु का सुसमाचार।


Copyright © www.catholicbibleministry1.blogspot.com.com

Praise the Lord!