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बुधवार, 22 दिसंबर, 2021

 

बुधवार, 22 दिसंबर, 2021

आगमन का चौथा सप्ताह

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पहला पाठ : समुएल का पहला ग्रन्थ 1:24-28


24) जब अन्ना समूएल का दूध छुड़ा चुकी, तो उसने उसे अपने साथ कर लिया। वह तीन वर्ष का बछड़ा, आधा मन आटा और एक मषक अंगूरी ले गयी और समूएल को षिलो में प्रभु के मन्दिर के भीतर लायी। उस समय बालक छोटा था।

25) बछड़े की बलि चढ़ाने के बाद, वे बालक को एली के पास ले गये।

26) अन्ना ने कहा, ‘‘महोदय! क्षमा करें। महोदय! आपकी शपथ! मैं वही स्त्री हूँ, जो यहीं प्रभु से प्रार्थना करती हुई आपके सामने खड़ी थी।

27) मैंने इस बालक के लिए प्रार्थना की और प्रभु ने मेरी प्रार्थना स्वीकार कर ली।

28) इसलिए मैं इसे प्रभु को अर्पित करती हूँ। यह आजीवन प्रभु को अर्पित है।’’ और उन्होंने वहाँ प्रभु की आराधना की।


सुसमाचार : सन्त लूकस का सुसमाचार 1:46-56


46) तब मरियम बोल उठी, ’’मेरी आत्मा प्रभु का गुणगान करती है,

47) मेरा मन अपने मुक्तिदाता ईश्वर में आनन्द मनाता है;

48) क्योंकि उसने अपनी दीन दासी पर कृपादृष्टि की है। अब से सब पीढि़याँ मुझे धन्य कहेंगी;

49) क्योंकि सर्वशक्तिमान् ने मेरे लिए महान् कार्य किये हैं। पवित्र है उसका नाम!

50) उसकी कृपा उसके श्रद्धालु भक्तों पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी बनी रहती है।

51) उसने अपना बाहुबल प्रदर्शित किया है, उसने घमण्डियों को तितर-बितर कर दिया है।

52) उसने शक्तिशालियों को उनके आसनों से गिरा दिया और दीनों को महान् बना दिया है।

53) उसने दरिंद्रों को सम्पन्न किया और धनियों को ख़ाली हाथ लौटा दिया है।

54) इब्राहीम और उनके वंश के प्रति अपनी चिरस्थायी दया को स्मरण कर,

55) उसने हमारे पूर्वजों के प्रति अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अपने दास इस्राएल की सुध ली है।’’

56) लगभग तीन महीने एलीज़बेथ के साथ रह कर मरियम अपने घर लौट गयी।


📚 मनन-चिंतन


जो व्यक्ति ईश्वर पर श्रध्दा रखता है वह ईश्वर का महिमागान करता है। जैसे की माता मरियम ने किया। ईश्वर ने माता मरियम के जीवन में जो महान कार्य किये थे उन सभी कृपाओं के लिए ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करती है। माता मरियम भजन के द्वारा बतलाती है, कि ईश्वर कि दया सिर्फ उसे ही प्राप्त होगी, जो घमण्डी नही करुन वरन विनम्र है । जो शक्तिशाली नहीं वरन दुर्बल है और जो तृप्त है नहीं वरन जो भूखे हैं। आज के पहले पाठ में भी अन्ना अपने समुएल के लिए ईश्वर के मंदिर गयी। जो कुछ ईश्वर ने उनके जीवन में किया था उसके लिए ईश्वर का धन्यवाद एवं गुणगान किया और प्रभु को निर्धारित भेंट चढ़ायी। हमने भी ईश्वर से अनेक वरदान व कृपा पायी है। उन सभी के लिए हमेशा ईश्वर के प्रति कृतज्ञ बने रहे।


📚 REFLECTION



A person who has faith in God, He glorifies God, Just as Mother Mary did in her life. The great things God had done in the life of Mother Mary. She expresses her gratitude to God for all those graces.

Mother Mary praises God through hymns that only he will get the mercy of God. One who is not proud but humble, who is not strong but weak, and who is not satisfied but hungry.

In today's first reading also tells that Anna went to the temple of God for her son Samuel. Whatever God had done in her life, she thanked and praised God for that. And she offered the prescribed offering to the Lord.

We too have received many boons and blessings from God. Always remain grateful to God for all of them.


 -Br. Biniush topno


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Praise the Lord!