About Me

My photo
Duliajan, Assam, India
Catholic Bibile Ministry में आप सबों को जय येसु ओर प्यार भरा आप सबों का स्वागत है। Catholic Bibile Ministry offers Daily Mass Readings, Prayers, Quotes, Bible Online, Yearly plan to read bible, Saint of the day and much more. Kindly note that this site is maintained by a small group of enthusiastic Catholics and this is not from any Church or any Religious Organization. For any queries contact us through the e-mail address given below. 👉 E-mail catholicbibleministry21@gmail.com

सोमवार, 06 सितम्बर, 2021

 

सोमवार, 06 सितम्बर, 2021

वर्ष का तेईसवाँ सामान्य सप्ताह

🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥🚥

पहला पाठ : कलोसियों 1:24-2:3


24) इस समय मैं आप लोगों के लिए जो कष्ट पाता हूँ, उसके कारण प्रसन्न हूँ। मसीह ने अपने शरीर अर्थात् कलीसिया के लिए जो दुःख भोगा है, उस में जो कमी रह गयी है, मैं उसे अपने शरीर में पूरा करता हूँ।

25) मैं ईश्वर के विधान के अनुसार कलीसिया का सेवक बन गया हूँ, जिससे मैं आप लोगों को ईश्वर का वह सन्देश,

26) वह रहस्य सुनाऊँ, जो युगों तथा पीढि़यों तक गुप्त रहा और अब उसके सन्तों के लिए प्रकट किया गया है।

27) ईश्वर ने उन्हें दिखलाना चाहा कि गैर-यहूदियों में इस रहस्य की कितनी महिमामय समृद्धि है। वह रहस्य यह है कि मसीह आप लोगों के बीच हैं और उन में आप लोगों की महिमा की आशा है।

28) हम उन्हीं मसीह का प्रचार करते हैं, प्रत्येक मनुष्य को उपदेश देते और प्रत्येक मनुष्य को पूर्ण ज्ञान की शिक्षा देते हैं, जिससे हम प्रत्येक मनुष्य को मसीह में पूर्णता तक पहुँचा सकें।

29) इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मैं उनके सामर्थ्य से, जो मुझ में प्रबल रूप से क्रियाशील है, प्रेरित हो कर कठिन परिश्रम करते हुए संघर्ष में लगा रहता हूँ।

1) मैं चाहता हूँ कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया के विश्वासियों और उन सबों के लिए, जिन्होंने मुझे कभी नहीं देखा, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ,

2) जिससे वे हिम्मत न हारें, पे्रेम की एकता में बंधे रहें, ज्ञान की परिपूर्णता प्राप्त करें और इस प्रकार ईश्वर के रहस्य के मर्म तक पहुँच जायें।

3) वह रहस्य है मसीह, जिन में प्रज्ञा तथा ज्ञान की सम्पूर्ण निधि निहित है।


सुसमाचार : सन्त लूकस 6:6-11


6) किसी दूसरे विश्राम के दिन ईसा सभागृह जा कर शिक्षा दे रहे थे। वहाँ एक मनुष्य था, जिसका दायाँ हाथ सूख गया था।

7) शास्त्री और फ़रीसी इस बात की ताक में थे कि यदि ईसा विश्राम के दिन किसी को चंगा करें, तो हम उन पर दोष लगायें।

8) ईसा ने उनके विचार जान कर सूखे हाथ वाले से कहा, ’’उठो और बीच में खड़े हो जाओ’’। वह उठ खड़ा हो गया।

9) ईसा ने उन से कहा, ’’मैं तुम से पूछ़ता हूँ-विश्राम के दिन भलाई करना उचित है या बुराई, जान बचाना या नष्ट करना?’’

10) तब उन सबों पर दृष्टि दौड़ा कर उन्होंने उस मनुष्य से कहा, ’’अपना हाथ बढ़ाओ’’। उसने ऐसा किया और उसका हाथ अच्छा हो गया।

11) वे बहुत क्रुद्ध हो गये और आपस में परामर्श करते रहे कि हम ईसा के विरुद्ध क्या करें।


📚 मनन-चिंतन


शास्त्री और फरीसी येसु से इतना घृणा करने लग गये थें कि वे येसु के महान चमत्कारों को देखते हुए भी उनमें ईश्वरत्व को नहीं पहचान पा रहें थे और इसके विपरीत वे हर क्षण येसु को किसी न किसी बातों में फसाना चाहते थे।

भलाई करना एक महान काम है, जिसके लिए न तो कोई सीमा है और न कोई बंदिशे। फरीसी और शास्त्री यह देखना चाहते थे येसु विश्राम के दिवस रोगियों को चंगा करते है कि नहंीं। येसु उनके मन की बातो को जानकर उस सूखे हाथ वाले व्यक्ति को चंगा करते हुए या बात को सिद्ध करते है कि भलाई के लिए कोई सीमा नहीं; न दिन की न जाति की। इसे हम प्रभु येसु द्वारा बताये गये भले समारी के दृष्टांत से भी समझ सकते है जहॉं पर एक समारी यह न देखते हुए कि एक व्यक्ति जो घायल है वह यहूदी है या कोई और वह उसकी सेवा सुश्रुषा करता है। प्रभु येसु हमें निरंतर भलाई करते रहने की शिक्षा देते है। हमारे साथ तो बुराई हर कोई कर सकता है परंतु हमें भलाई करने से कौन रोक सकता है, क्योंकि भलाई की न कोई सीमा है न बंदिशे।



📚 REFLECTION



The Pharisees and Scribes were envying Jesus to that extent that even after seeing the great miracles they were not able to recognize the divinity in him and on the contrary they wanted to trap him in every moment.

To good is a noble work, for which there is neither boundary nor limits. Pharisees and Scribes wanted to see whether Jesus heals the sick on the Sabbath or not. Understanding the mind of them Jesus heals the man with withered hand and hence affirming that there is no limit, neither of day nor of caste for doing any good. This we can also understand with the parable given by Jesus of the Good Samaritan, where one samaritan helps the wounded person withou seeing whether the person who is wounded is Jew or some one else. Lord Jesus always teaches us to do good. Any one can do wrong to us but no one can stop us from doing good because for goodness there is neither the boundary nor any limit.


 -Br Biniush Topno


Copyright © www.catholicbibleministry1.blogspot.com
Praise the Lord!