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बुधवार, 15 दिसंबर, 2021

 

बुधवार, 15 दिसंबर, 2021

आगमन का तीसरा सप्ताह

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📒 पहला पाठ : इसायाह का ग्रन्थ 45:6c-8,21c-25


6) मैं ही प्रभु हूँ, कोई दूसरा नहीं।

7) मैं प्रकाश और अन्धकार, दोनों की सृष्टि करता हूँ। मैं सुख भी देता और दुःख भी भेजता हूँ। मैं, प्रभु, यह सब करता हूँ।

8) आकाश! धार्मिकता बरसाओ- ओस की बूँदों की तरह, बादलों के जल की तरह। धरती खुल कर उसे ग्रहण करे- मुक्ति का अंकुर फूट निकले और धार्मिकता फले-फूले। मैं, प्रभु, ने इसकी सृष्टि की है।

21) मेरे सिवा कोई दूसरा ईश्वर नहीं। मेरे सिवा कोई न्यायी और उद्धारकरर्ता ईश्वर नहीं।

22) पृथ्वी के सीमान्तों से मेरे पास आओ और तुम मुक्ति प्राप्त करोगे, क्योंकि मेरे सिवा कोई ईश्वर नहीं।

23) “मेरे मुख से निकलने वाला शब्द सच्चा और अपरिवर्तनीय है। मैं शपथ खा कर यह कहता हूँ: हर घुटना मेरे सामने झुकेगा, हर कण्ठ मेरे नाम की शपथ लेगा।

24) सब लोग मेरे विषय में कहेंगे- “प्रभु में ही न्याय दिलाने का सामर्थ्य है।“ जो उस से बैर करते थे, वे सब लज्जित हो कर उसके पास आयेंगे।

25) प्रभु इस्राएल की समस्त प्रजा को न्याय दिलायेगा और वह प्रभु का गौरव करेगी।



📙 सुसमाचार : लूकस 7:19-23



19) योहन ने अपने दो शिष्यों को बुला कर ईसा के पास यह पूछने भेजा, "क्या आप वही हैं, जो आने वाले हैं या हम किसी और की प्रतीक्षा करें?"

20) इन दो शिष्यों ने ईसा के पास आ कर कहा, "योहन बपतिस्मा ने हमें आपके पास यह पूछने भेजा है-क्या आप वहीं हैं, जो आने वाले हैं या हम किसी और की प्रतीक्षा करें?"

21) उस समय ईसा बहुतों को बीमारियों, कष्टों और अपदूतों से मुक्त कर रहे थे और बहुत-से अन्धों को दृष्टि प्रदान कर रहे थे।

22) उन्होंने योहन के शिष्यों से कहा, "जाओ, तुमने जो सुना और देखा है, उसे योहन को बता दो-अन्धे देखते हैं, लंगड़े चलते हैं, कोढ़ी शुद्ध किये जाते हैं, बहरे सुनते हैं, मुर्दे जिलाये जाते हैं, दरिद्रों को सुसमाचार सुनाया जाता है

23) और धन्य है वह, जिसका, विश्वास मुझ पर से नहीं उठता!"



📚 मनन-चिंतन.


येसु के कार्यों व शिक्षा की चर्चा चारों ओर फैल गयी थी। जब योहन ने येसु के बारे में सुना तो उन्होंने अपने शिष्यों को येसु के पास पुछने भेजा कि क्या आप वही है, जो आने वाले हैं या हम किसी दूसरे की प्रतीक्षा करे। योहन को मालूम था कि येसु मसीह है। लेकिन उन्होंने अपने शिष्यों को येसु के पास भेजा जिससे वह येसु को सुने, समझे, उनका अनुसरण करते उनके अनुयायी बने। इस आगमन काल में हम भी उन्हीं प्रभु येसु का जो हमारे बीच में आने वाले है उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। आइये हम प्रभु को पहचाने, और उनके अनुयायी बने इसलिए (योहन १:35-37) में पढ़ते है कि योहन ने स्वयं अपने शिष्यो को येसु कि ओर इंगित करते हुए कहा, "देखो ईश्वर का मेमना "और शिष्य येसु के पीछे हो लिये।



📚 REFLECTION



When John the Baptist heard the teachings of Jesus, he sent his disciples to ask him. “Are you the Messiah we have been expecting, or should we keep looking for someone else?” John knew He is the Messiah but he sent his disciples to Jesus to listen to him and follow him. In (Jn 1: 35-37) when John standing with his disciples. As he looked at Jesus and he declared, “Look there is the Lamb of God”

And the disciples followed Jesus. In this season of Advent we are also looking for the Lord who is to come. As we are preparing for His coming let us not forget to recognize him in our daily lives. Who comes to us in different form? Let Gods grace open our hearts and minds to recognize Him, accept him and to follow him wholeheartedly.


 -Br. Biniush Topno


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Praise the Lord!

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