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मंगलवार, 25 मई, 2021 वर्ष का आठवाँ सामान्य सप्ताह

 

मंगलवार, 25 मई, 2021

वर्ष का आठवाँ सामान्य सप्ताह

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पहला पाठ : प्रवक्ता ग्रन्थ 35:1-12


1) संहिता के अनुसार आचरण बहुत-सी बलियों के बराबर है।

2 (2-3) जो आज्ञाओें का पालन करता है, वह शांति का बलिदान चढ़ाता है।

4) परोपकार अन्न-बलि लगाने के बराबर है। जो भिक्षादान करता है, वह धन्यवाद का बलिदान चढ़ाता है।

5) बुराई का त्याग प्रभु को प्रिय होता है और अधर्म से दूर रहना प्रायश्चित के बलिदान के बराबर है।

6) फिर भी खाली हाथ प्रभु के सामने मत जाओ,

7) क्योंकि ये सब बलिदान आदेश के अनुकूल हैं।

8) धर्मी का चढ़ावा वेदी की शोभा बढ़ाता है और उसकी सुगन्ध सर्वोच्च ईश्वर तक पहुँचती है।

9) धर्मी का बलिदान सुग्राहय होता है, उसकी स्मृति सदा बनी रहेगी।

10) उदारतापूर्वक प्रभु की स्तुति करते रहो। प्रथम फलों के चढ़ावे में कमी मत करो।

11) प्रसन्नमुख हो कर दान चढ़ाया करो और खुशी से दशमांश देा।

12) जिस प्रकार सर्वोच्च ईश्वर ने तुम्हें दिया है, उसकी प्रकार तुम भी उसे सामर्थ्य के अनुसार उदारतापूर्वक दो;


सुसमाचार : मारकुस 10:28-31



28) तब पेत्रुस ने यह कहा, "देखिए, हम लोग अपना सब कुछ छोड़ कर आपके अनुयायी बन गये हैं।"

29) ईसा ने कहा, "मैं तुम से यह कहता हूँ - ऐसा कोई नहीं, जिसने मेरे और सुसमाचार के लिए घर, भाई-बहनों, माता-पिता, बाल-बच्चों अथवा खेतों को छोड़ दिया हो

30) और जो अब, इस लोक में, सौ गुना न पाये- घर, भाई-बहनें, माताएँ, बाल-बच्चे और खेत, साथ-ही-साथ अत्याचार और परलोक में अनन्त जीवन।

31) बहुत-से लोग जो अगले हैं, पिछले हो जायेंगे और जो पिछले हैं, अगले हो जायेंगे।"



📚 मनन-चिंतन


प्रभु येसु का अनुयायी बनना एक सुखद अनुभव है। 2000 वर्षों से बहुत लोगों ने येसु और उनकी शिक्षाओं को जाना और प्रभु का अनुसरण करते हुए प्रभु के अनुयायी बनें। इसकी शुरुआत येसु के शिष्यों के द्वारा होती है जो सब कुछ छोड़ कर प्रभु येसु के पीछे हो लेते है।

आज का सुसमाचार उन सभी लोगों के लिए एक जीवनदायी वचन है जो प्रभु के अनुयायी है या प्रभु का अनुयायी बनना चाहते है। जब येसु के शिष्य प्रभु के पीछे हो लिये थे तब उनका जीवन अनिश्चिततओं से भरा हुआ था। उन्हें नहीं मालूम था कि आगे जा कर क्या होगा? इस दुविधा के कारण पेत्रुस उन सभी शिष्यांे की ओर से प्रश्न करते है, ’’देखिए, हम लोग अपना सब कुछ छोड़ कर आपके अनुयायी बन गये हैं।’’ प्रभु येसु इस प्रश्न का उत्तर देते हुए न केवल उन शिष्यों को आश्वासन देते है परंतु उन सभी को भी जो आगे चल कर प्रभु के अनुयायी बनने वाले है। येसु कहते है जिन्होने सुसमाचार के लिए जो कुछ छोड़ा है वे इस लोक में सौ गुना पायेंगे और परलोक में अनन्त जीवन पायेंगे। यह वचन एक सशक्त वचन है जो येसु के सभी अनुयायियांे की दुविधा को दूर करता है और उनमें साहस प्रदान करता है कि वे प्रभु के पथ से न भटकें।

आईये हम आज के वचन की महत्ता को समझकर यहीं प्रार्थना करें कि जितनें भी अनुयायी है उन्हें यह वचन हमेंशा आगे बढ़ने में मदद करें तथा अधिक से अधिक लोग प्रभु के अनुयायी बनने के लिए आगे आयें। आमेन!



📚 REFLECTION



To become the follower of Jesus is a pleasant experience. Since 2000 years many have recognized Jesus and his teachings and became the followers of Jesus. This all starts with the disciples who left everything and followed him.

Today’s gospel passage is lifegiving words to all those who are the followers of Jesus or who want to be Jesus’ followers. When the disciples of Jesus start following Jesus their life was full of uncertainities. They did not know that what will happen in future? Because of this anxiety Peter on the behalf of the disciples asks, “Look, we have left everything and followed you.” Lord Jesus answering to this question gives assurance not only to his disciples but also to those who will be his followers in future. Jesus says to them whoever has left everything for his sake and for the sake of the good news they will receive a hundredfold now in this age and eternal life in the age to come. These words are powerful words which remove the confusion of the followers of Jesus and fill them with courage so that they may not waver from the path of Jesus.

Understanding the importance of today’s words let’s pray that how many the followers are there these words may help them always to go ahead and many more may come forward to become his followers. Amen.


 -Br Biniush Topno



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Praise the Lord!

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