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सोमवार, 17 मई, 2021 पास्का का सातवाँ सप्ताह

 

सोमवार, 17 मई, 2021

पास्का का सातवाँ सप्ताह

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पहला पाठ : प्रेरित-चरित 19:1-8



1) जिस समय अपोल्लोस कुरिन्थ में था, पौलुस भीतरी प्रदेशों का दौरा समाप्त कर एफे़सुस पहुँचा। वहाँ उसे कुछ शिष्य मिले।

2) उसने उन से पूछा, ’’क्या विश्वासी बनते समय आप लोगों को पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ था?’’ उन्होंने उत्तर दिया, ’’हमने यह भी नहीं सुना है कि पवित्र आत्मा होता है’’।

3) इस पर उसने पूछा, ’’तो, आप को किसका बपतिस्मा मिला?’’ उन्होंने उत्तर दिया, ’’योहन का बपतिस्मा’’।

4) पौलुस ने कहा, ’’योहन पश्चात्ताप का बपतिस्मा देते थे। वह लोगों से कहते थे कि आप को मेरे बाद आने वाले में-अर्थात् ईसा में- विश्वास करना चाहिए।’’

5) उन्होंने यह सुन कर प्रभु ईसा के नाम पर बपतिस्मा ग्रहण किया।

6) जब पौलुस ने उन पर हाथ रखा, तो पवित्र आत्मा उन पर उतरा और वे भाषाएँ बोलते और भविष्यवाणी करते रहे।

7) वे कुल मिला कर लगभग बारह पुरुष थे।

8) पौलुस तीन महीनों तक सभागृह जाता रहा। वह ईश्वर के राज्य के विषय में निस्संकोच बोलता और यहूदियों को समझाता था



सुसमाचार : योहन 16:29-33


29) उनके शिष्यों ने उन से कहा, ’’देखिये, अब आप दृष्टांतो में नहीं, बल्ेिक स्पष्ट शब्दों में बोल रहे हैं।

30) अब हम समझ गये है कि आप सब कुछ जानते हैं- प्रश्नों की कोई ज़रूरत नहीं रह गयी है। इसलिये हम विश्वास करते हैं कि आप ईश्वर के यहाँ से आये हैं।

31) ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, ’’क्या तुम अब विश्वास करते हो?

32) देखो! वह घडी आ रही है, आ ही गयी है। जब तुम सब तितर-बितर हो जाओगे और अपना-अपना रास्ता ले कर मुझे अकेला छोड दोगे। फिर भी मैं अकेला नहीं हूँ, क्योंकि पिता मेरे साथ है।

33) मैंने तुम लोगों से यह सब इसलिये कहा है कि तुम मुझ में शांति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पडेगा। परन्तु ढारस रखो- मैंने संसार पर विजय पायी है।



📚 मनन-चिंतन



जब परिवार के शीर्ष को कुछ हो जाता है तो परिवार तितर बितर हो जाता है। आज प्रभु येसु इसी के संदर्भ में अपने शिष्यों से वार्तालाप करते है कि वह समय आयेगा जब वे सब तितर बितर हो जायेंगे। ऐसे समय में प्रभु ढ़ारस रखने को कहते है।

प्रभु के बिना जीवन दुःख, परेशानी, दुविधा, भय, ंिचंता, अंधकार और असांमजस्य से भरा जीवन हैं। प्रभु के बिना जीवन जीना या प्रभु के अभाव में जीवन जीना हमारे लिए मृत्यु से बढ़कर नहीं है। परंतु हमारे जीवन में कई ऐसे क्षण आते है जब हम प्रभु के अभाव में जीवन व्यतीत करते है अर्थात् प्रभु को अपने जीवन से भूलकर अपने हिसाब से जीते है। ऐसे समय में हम व्याकुल हो जाते है और हमें समझ में नहीं आता कि क्या करें और कभी कभी हड़बड़ाहट में हम गलत कदम उठा लेते है। प्रभु येसु हमें यह बताना चाहते है कि जब कभी ऐसा क्षण आये तो ढ़ारस रखो और येसु में विश्वास करों।

आईये आज के दिन हम उन लोगों के लिए विशेष प्रार्थना करें जो प्रभु के अभाव में जीवन जी रहें है। ईश्वर उनके मन और ह्दय को आलोकित करें। आमेन!



📚 REFLECTION



When something happens to the head of the family then the family scatters. Today Lord Jesus talks about this context to his disciples that the time will come when they all will be scattered. In that situation Jesus says to take courage.

Without God life is full of sorrow, difficulties, confusion, fear, anxiety, darkness and disharmony. Living without God or living wvith the lack of God is no greater than death. But in our lives many moments come when we live without God, in other words we live according to our own ways forgetting God. We become anxious in this moment and do not understand what to do and sometimes take the wrong step in confusion. Lord Jesus wants to tell us that whenever like this situation comes take courage and believe in Jesus.

Let’s pray this day for those people who are living the life without God; May God enlighten their mind and heart. Amen!



 -Br. Biniush Topno


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Praise the Lord!

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