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आज का पवित्र वचन 16 जनवरी 2021, शनिवार

 

16 जनवरी 2021, शनिवार

संत योसेफ वाज़, पुरोहित - पर्व

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पहला पाठ : इसायाह 52:7-10

7) जो शान्ति घोषित करता है, सुसमाचार सुनाता है, कल्याण का सन्देश लाता और सियोन से कहता है, “तेरा ईश्वर राज्य करता है“- इस प्रकार शुभ सन्देश सुनाने वाले के चरण पर्वतों पर कितने रमणीय हैं!

8) येरूसालेम! तेरे पहरेदार एक साथ ऊँचे स्वर से आनन्द के गीत गाते हैं। वे अपनी आँखों से देख रहे हैं कि प्रभु ईश्वर सियोन की ओर वापस आ रहा है।

9) येरूसालेम के खँड़हर आनन्दविभोर हो कर जयकार करें! प्रभु-ईश्वर अपनी प्रजा को सान्त्वना देता और येरूसालेम का उद्धार करता है।

10) प्रभु-ईश्वर ने समस्त राष्ट्रों के देखते-देखते अपना पावन सामर्थ्य प्रदर्शित किया है। पृथ्वी के कोने-कोने में हमारे ईश्वर का मुक्ति-विधान प्रकट हुआ है।


अथवा पहला पाठ : 1कुरिन्थियो 1:18-25

18) जो विनाश के मार्ग पर चलते हैं, वे क्रूस की शिक्षा को "मूर्खता" समझते हैं। किन्तु हम लोगों के लिए, जो मुक्ति के मार्ग पर चलते हैं, वह ईश्वर का सामर्थ्य है;

19) क्योंकि लिखा है-मैं ज्ञानियों का ज्ञान नष्ट करूँगा और समझदारों की चतुराई व्यर्थ कर दूँगा।

20) हम में ज्ञानी, शास्त्री और इस संसार के दार्शनिक कहाँ हैं? क्या ईश्वर ने इस संसार के ज्ञान को मूर्खता-पूर्ण नहीं प्रमाणित किया है?

21) ईश्वर की प्रज्ञा का विधान ऐसा था कि संसार अपने ज्ञान द्वारा ईश्वर को नहीं पहचान सका। इसलिए ईश्वर ने सुसमाचार की "मूर्खता" द्वारा विश्वासियों को बचाना चाहा।

22) यहूदी चमत्कार माँगते और यूनानी ज्ञान चाहते हैं,

23) किन्तु हम क्रूस पर आरोपित मसीह का प्रचार करते हैं। यह यहूदियों के विश्वास में बाधा है और गै़र-यहूदियों के लिए ’मूर्खता’।

24) किन्तु मसीह चुने हुए लोगों के लिए, चाहे वे यहूदी हों या यूनानी, ईश्वर का सामर्थ्य और ईश्वर की प्रज्ञा है;

25) क्योंकि ईश्वर की ’मूर्खता’ मनुष्यों से अधिक विवेकपूर्ण और ईश्वर की ’दुर्बलता’ मनुष्यों से अधिक शक्तिशाली है।


सुसमाचार : मारकुस 1:14-20

14) योहन के गिरफ़्तार हो जाने के बाद ईसा गलीलिया आये और यह कहते हुए ईश्वर के सुसमाचार का प्रचार करते रहे,

15) "समय पूरा हो चुका है। ईश्वर का राज्य निकट आ गया है। पश्चाताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो।"

16) गलीलिया के समुद्र के किनारे से हो कर जाते हुए ईसा ने सिमोन और उसके भाई अन्द्रेयस को देखा। वे समुद्र में जाल डाले रहे थे, क्योंकि वे मछुए थे।

17) ईसा ने उन से कहा, "मेरे पीछे चले आओ। मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुए बनाऊँगा।"

18) और वे तुरन्त अपने जाल छोड़ कर उनके पीछे हो लिये।

19) कुछ आगे बढ़ने पर ईसा ने ज़ेबेदी के पुत्र याकूब और उसके भाई योहन को देखा। वे भी नाव में अपने जाल मरम्मत कर रहे थे।

20) ईसा ने उन्हें उसी समय बुलाया। वे अपने पिता ज़ेबेदी को मज़दूरों के साथ नाव में छोड़ कर उनके पीछे हो लिये।

📚 मनन-चिंतन

माता के गर्भ में रचने से पहले ही ईश्वर हमको जानता है। वह हमारे हृदय के गहरे से गहरे रहस्यों को जानता है। हमारी अच्छाइयों और हमारी बुराइयों से वह अच्छी तरह वाक़िफ़ है; हमारी हर कामना और इच्छा को वह जानता है, भले ही हम उसे बाहरी रूप से प्रकट ना करें। और इसीलिए शायद जब लेवी अर्थात् मत्ती में दूसरे लोगों को एक पापी नाकेदार दिखा वहीं प्रभु येसु को उसमें ईश्वर के लिए तरसती हुई एक प्यासी आत्मा दिखी, ईश्वर को पाने के लिए बेचैन होता हुआ एक हृदय दिखा। मनुष्यों के गहरे से गहरे छुपे हुए रहस्यों को जानने वाला ईश्वर होते हुए ही उसके छुपे हुए विचारों और इच्छाओं को प्रभु येसु देख पाए, और इसलिए उसे बुलाते हैं, -“मेरे पीछे चले आओ” और वह तुरन्त उठकर प्रभु येसु के पीछे हो लेता है।

जब हम अपने चारों ओर नज़र उठाकर देखते हैं तो हो सकता है हमें ऐसे लोग मिल जाएँ जो बाहरी रूप से कठोर हृदय और पापी लगते हों, लेकिन ईश्वर उनका हृदय जानता है। हो सकता है वे भले ही ईश्वर से विमुख दिखते हों लेकिन ईश्वर की ओर से एक इशारे का इंतज़ार कर रहे हों। और हो सकता है कि ईश्वर के उस इशारे का माध्यम हमें बनना पड़े। हो सकता है हमारे बाइबल पढ़कर सुनाने से किसी का हृदय बदल जाये। अथवा हो सकता है प्रभु के वचन हमारे धर्म के बारे में एक उचित फ़ेसबुक पोस्ट, या इंस्टाग्राम या ट्विटर पोस्ट किसी का दिल छू ले और वह ईश्वर की ओर मुड़ जाये। आइए हम दूसरों के लिए प्रभु की आवाज़ बनें। आमेन।



📚 REFLECTION


God knows us through and through even before forming us in mother’s womb. He knows the deepest secrets of our hearts. He is well familiar with all our goodness and wickedness; He knows each and every desire of our heart, even though we may not reveal it. Perhaps that’s why when others saw a sinner and tax collector in Levi or Matthew, Jesus saw a soul thirsting for God, a restless heart for God. It is because Jesus could see the hidden desires of God that he could see through the heart of Matthew, so he calls him, ‘come and follow me’ and he leaves everything and follows Jesus.

We may find some people around us who may seem hard heartened sinners but God knows their hearts. They may seem away from God, but who knows they are waiting for a little push from someone, and may be God wants us to be the instruments of that little push. Who knows when we read the Bible, those words could touch someone’s heart, or may be a simple post on Facebook, Instagram or twitter about Word of God or catechism could inspire someone to turn to God. Let us become God’s inspiration for others. Amen.

 Br. Biniush Topno


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Praise the Lord!

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