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आज का पवित्र वचन 08 दिसंबर 2020, मंगलवार माता मरियम का निष्कलन्क गर्भागमन

 

08 दिसंबर 2020, मंगलवार

माता मरियम का निष्कलन्क गर्भागमन

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📒 पहला पाठ : उत्पत्ति ग्रन्थ 3:9-15.20

9) प्रभु-ईश्वर ने आदम से पुकार कर कहा, ''तुम कहाँ हो?''

10) उसने उत्तर दिया, ''मैं बगीचे में तेरी आवाज सुन कर डर गया, क्योंकि में नंगा हूँ और मैं छिप गया''।

11) प्रभु ने कहा, ''किसने तुम्हें बताया कि तुम नंगे हो? क्या तुमने उस वृक्ष का फल खाया, जिस को खाने से मैंने तुम्हें मना किया था?''

12) मनुष्य ने उत्तर दिया, ''मेरे साथ रहने कि लिए जिस स्त्री को तूने दिया, उसी ने मुझे फल दिया और मैंने खा लिया''।

13) प्रभु-ईश्वर ने स्त्री से कहा, ''तुमने क्या किया है?'' और उसने उत्तर दिया, ''साँप ने मुझे बहका दिया और मैंने खा लिया''।

14) तब ईश्वर ने साँप से कहा, ''चूँकि तूने यह किया है, तू सब घरेलू तथा जंगली जानवरों में शापित होगा। तू पेट के बल चलेगा और जीवन भर मिट्टी खायेगा।

15) मैं तेरे और स्त्री के बीच, तेरे वंश और उसके वंश में शत्रुता उत्पन्न करूँगा। वह तेरा सिर कुचल देगा और तू उसकी एड़ी काटेगा''।

20) पुरुष ने अपनी पत्नी का नाम 'हेवा' रखा, क्योंकि वह सभी मानव प्राणियों की माता है।

दूसरा पाठ: एफ़ेसियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र 1:3-6,11-12

3) धन्य है हमारे प्रभु ईसा मसीह का ईश्वर और पिता! उसने मसीह द्वारा हम लोगों को स्वर्ग के हर प्रकार के आध्यात्मिक वरदान प्रदान किये हैं।

4) उसने संसार की सृष्टि से पहले मसीह में हम को चुना, जिससे हम मसीह से संयुक्त हो कर उसकी दृष्टि में पवित्र तथा निष्कलंक बनें।

5) उसने प्रेम से प्रेरित हो कर आदि में ही निर्धारित किया कि हम ईसा मसीह द्वारा उसके दत्तक पुत्र बनेंगे। इस प्रकार उसने अपनी मंगलमय इच्छा के अनुसार

6) अपने अनुग्रह की महिमा प्रकट की है। वह अनुग्रह हमें उसके प्रिय पुत्र द्वारा मिला है,

11 (11-12) ईश्वर सब बातों में अपने मन की योजना पूरी करता है। उसके अनुसार उसने निर्धारित किया है कि हम (यहूदी) मसीह द्वारा बुलाये जायें और हम लोगों के कारण उसकी महिमा की स्तुति हो। हम लोगों ने तो सब से पहले मसीह पर भरोसा रखा था।

📙 सुसमाचार : सन्त लूकस का सुसमाचार 1:26-38

26) छठे महीने स्वर्गदूत गब्रिएल, ईश्वर की ओर से, गलीलिया के नाजरेत नामक नगर में एक कुँवारी के पास भेजा गया,

27) जिसकी मँगनी दाऊद के घराने के यूसुफ नामक पुरुष से हुई थी, और उस कुँवारी का नाम था मरियम।

29) वह इन शब्दों से घबरा गयी और मन में सोचती रही कि इस प्रणाम का अभिप्राय क्या है।

30) तब स्वर्गदूत ने उस से कहा, ’’मरियम! डरिए नहीं। आप को ईश्वर की कृपा प्राप्त है।

31) देखिए, आप गर्भवती होंगी, पुत्र प्रसव करेंगी और उनका नाम ईसा रखेंगी।

32) वे महान् होंगे और सर्वोच्च प्रभु के पुत्र कहलायेंगे। प्रभु-ईश्वर उन्हें उनके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा,

33) वे याकूब के घराने पर सदा-सर्वदा राज्य करेंगे और उनके राज्य का अन्त नहीं होगा।’’

34) पर मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, ’’यह कैसे हो सकता है? मेरा तो पुरुष से संसर्ग नहीं है।’’

35) स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, ’’पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी। इसलिए जो आप से उत्पन्न होंगे, वे पवित्र होंगे और ईश्वर के पुत्र कहलायेंगे।

36) देखिए, बुढ़ापे में आपकी कुटुम्बिनी एलीज़बेथ के भी पुत्र होने वाला है। अब उसका, जो बाँझ कहलाती थी, छठा महीना हो रहा है;

37) क्योंकि ईश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है।’’

38) मरियम ने कहा, ’’देखिए, मैं प्रभु की दासी हूँ। आपका कथन मुझ में पूरा हो जाये।’’ और स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।

📚 मनन-चिंतन

आज, कलीसिया प्रभु येसु की माँ धन्य कुँवारी मरियम के निष्कलंक गर्भागमन का त्यौहार मना रही है। यिरमियाह 1: 5 में, प्रभु नबी से कहते हैं, “माता के गर्भ में तुम को रचने से पहले ही मैंने तुम को जान लिया। तुम्हारे जन्म से पहले ही मैंने तुम को पवित्र किया। मैंने तुम को राष्ट्रों का नबी नियुक्त किया।” स्तोत्र 139:15-16 में स्तोत्रकार कहता है, “जब मैं अदृश्य में बन रहा था, जब मैं गर्भ के अन्धकार में गढ़ा जा रहा था, तो तूने मेरी हड्डियों को बढ़ते देखा। तूने मेरे सब कर्मों को देखा। वे सब तेरे ग्रन्थ में लिखे हैं। घटित होने के पूर्व ही मेरे दिनों की सीमा निर्धारित की गयी।” यिरमियाह 29:11 में पवित्र वचन कहता है, “मैं तुम्हारे लिए निर्धारित अपनी योजनाएँ जानता हूँ“- यह प्रभु की वाणी है- “तुम्हारे हित की योजनाएँ, अहित की नहीं, तुम्हारे लिए आशामय भविय की योजनाए।” पृथ्वी पर हमारा जीवन बहुत ही योजनाबद्ध रीति से प्रभु की सतर्क निगरानी में आगे बढ़ता है। आज का त्यौहार हमें प्रभु ईश्वर द्वारा हमारे संरक्षण की याद दिलाता है। उनका संरक्षण न केवल एक या कुछ व्यक्तियों के लिए है, बल्कि प्रभु सारी मानवजाति का ख्याल करते हैं। उन्होंने माँ मरियम को चुना और गर्भाधान के समय ही उन्हें पवित्र किया, ताकि वे प्रभु के लिए एक उपयुक्त मंदिर बन जायें। स्वर्ग के बारे में पवित्र बाइबिल कहती है, "उस में न तो कोई अपवित्र वस्तु प्रवेश कर पायेगी और न कोई ऐसा व्यक्ति, जो घृणित काम करता या झूठ बोलता है। केवल वही प्रेवेश कर पायेंगे, जिनके नाम मेमने के जीवन-ग्रन्थ में अंकित हैं।" (प्रकाशना 21:27)। मरियम का बेदाग और निषकलंक होना कितना ज़रूरी था, ताकि सबको पवित्र करने वाले ईश्वर उनसे जन्म ले सकें। आज का त्यौहार हमें पवित्र बनने की चुनौती देता है ताकि हम पृथ्वी पर प्रभु के मंदिर बन सकें।



📚 REFLECTION

Today, the Church celebrates the immaculate conception of Mary, the mother of Jesus. In Jer 1:5 God tells Jeremiah, “Before I formed you in the womb I knew you, and before you were born I consecrated you; I appointed you a prophet to the nations.” In Ps 139:15-16, the Psalmist says, “My frame was not hidden from you, when I was being made in secret, intricately woven in the depths of the earth. Your eyes beheld my unformed substance. In your book were written all the days that were formed for me, when none of them as yet existed.” In Jer 29:11 the Word says, “surely I know the plans I have for you, says the Lord, plans for your welfare and not for harm, to give you a future with hope.” Our life on earth is very well planned and executed under his watchful care on the earth. Today’s feast reminds us of this constant watchful care of the Lord. Today’s feast is not about God’s welfare plan for an individual, but for all humanity. He chose Mary and purified her already at conception, so that she may become a fitting temple for the Lord. Regarding heaven the Bible says, “nothing unclean will enter it, nor anyone who practices abomination or falsehood, but only those who are written in the Lamb’s book of life.” (Rev 21:27). How much more necessary was it for Mary to be immaculate, so that God who is Holy can take birth from her. Today’s feast challenges us to be holy so that we can become temples of God on the earth.

 -Br. Biniush Topno


www.atpresentofficial.blogspot.com
Praise the Lord!

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