. 22nd September- Tuesday
आत्मिक भोज़न
Gospel - (Lk 8:19-21
प्रिय दोस्तो! आप सबों को ज़य येसु। आज़ का
1. सुसमाचार सन्त लुकस का सुसमाचार से लिया गया है। आज़ का मूल विषय है,".कौन हैं येसु का माता-पिता और भाई-बहन? प्रभु येसु कहते हैं, "मेरा माता और मेरा पिता वही लोग हैं जो ईश्वर का वचन को सुनते हैं और उसको पूरा करते हैं और उसके अनुसार जीते हैं (Lk 8:21)। जो लोग वचन के अनुसार जीते हैं वे प्रभु येसु के परिवार का सदस्य बन जाते हैं। 2. जिस वचन नें पृथ्वी कि सृष्टि किया, जिस वचन शरीर बन कर दुनिया में आया और जिस वचन कलवारी पहाड़ में टुकड़ा-टुकड़ा हुआ, प्रभु येसु ख्रीस्त, हमारे मुक्तिदाता के द्वारा लोगों के बीच में बांटा गया और जो लोग उस वचन को हृदय में ग्रहण करते हैं वे येसु का भाई-बहन हैं। 3. वचन को सुनने का मतलब- येसु को प्यार करना, वचन को सुनना, वचन में विश्वास करना और वचन में विश्वास करके उसके अनुसार जीना,"। 4. जो लोग उन पर विश्वास करते हैं और जो लोग उसके वचन के अनुसार जीते है वे येसु के साथ और आपस में एक परिवार के समान अटुट सम्बन्ध जोड़ते हैं। यही परिवार येसु ख्रीस्त का शरीर है, जिसका सिर येसु है, और परिवार में रहने वाले लोग उसका सदस्य हैं। 5. निष्कलंक माता मरिया इस परिवार में प्रमुख स्थान को ग्रहण की। जैसे सबसे पहले उसने वचन को सुनी और वचन को अपने हृदय में ग्रहण की और वचन के अनुसार जीवन वितायी। परिवार में उसको सबसे उत्तम स्थान मिला। कुवारी मरिया दुनिया में पवित्र आत्मा कि शक्ति से गर्भवती हुई, और शरीर को दुनिया में जन्म देने का सौभाग्य मिला। वही माता मरियम को परिवार में मुख्य स्थान मिला, वह परिवार का मां है।
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