इतवार, 22 अक्टूबर, 2023
वर्ष का उन्तीसवाँ सामान्य सप्ताह
📒 पहला पाठ :इसायाह का ग्रन्थ 45:1, 4-6
1) प्रभु ने अपने अभिषिक्त सीरुस का दाहिना हाथ सँभाला है। उसने राष्ट्रों को सीरुस के अधीन कर दिया और राजाओं के शस्त्र ले लिये। प्रभु ने उसके लिए फाटकों को तोड़ दिया। अब उसके सामने कोई भी द्वार बन्द नहीं रहा। प्रभु उसी सीरुस से यह कहता है-
4) मैंने अपने सेवक याकूब तथा अपने कृपापात्र इस्राएल के कारण तुम को नाम ले कर बुलाया और महान् बना दिया है, यद्यपि तुम मुझे नहीं जानते।
5) मैं ही प्रभु हूँ, कोई दूसरा नहीं है; मेरे सिवा कोई अन्य ईश्वर नहीं। यद्यपि तुम मुझे नहीं जानते, तो भी मैंने तुम्हें शस्त्र प्रदान किये,
6) जिससे पूर्व से पश्चिम तक सभी लोग यह जान जायें कि मेरे सिवा कोई दूसरा नहीं। मैं ही प्रभु हूँ, कोई दूसरा नहीं।
📕 दूसरा पाठ: थेसलनीकियों के नाम सन्त पौलुस का पहला पत्र 1:1-5b
1) पिता-परमेश्वर और प्रभु ईसा मसीह पर आधारित थेसलनीकियों की कलीसिया के नाम पौलुस, सिल्वानुस और तिमथी का पत्र। आप लोगों को अनुग्रह तथा शान्ति!
2 (2-3) जब-जब हम आप लोगों को अपनी प्रार्थनाओं में याद करते हैं, तो हम हमेशा आप सब के कारण ईश्वर को धन्यवाद देते है। आपका सक्रिय विश्वास, प्रेम से प्रेरित आपका परिश्रम तथा हमारे प्रभु ईसा मसीह पर आपका अटल भरोसा- यह सब हम अपने ईश्वर और पिता के सामने निरन्तर स्मरण करते हैं।
4) भाइयो! ईश्वर आप को प्यार करता है। हम जानते हैं कि ईश्वर ने आप को चुना है,
5) क्योंकि हमने निरे शब्दों द्वारा नहीं, बल्कि सामर्थ्य, पवित्र आत्मा तथा दृढ़ विश्वास के साथ आप लोगों के बीच सुसमाचार का प्रचार किया। आप लोग जानते हैं कि आपके कल्याण के लिए हमारा आचरण आपके यहाँ कैसा था।
📙 सुसमाचार : सन्त मत्ती 22:15-21
15) उस समय फरीसियों ने जा कर आपस में परामर्श किया कि हम किस प्रकार ईसा को उनकी अपनी बात के फन्दे में फँसायें।
16) इन्होंने ईसा के पास हेरोदियों के साथ अपने शिष्यों को यह प्रश्न पूछने भेजा, ’’गुरुवर! हम यह जानते हैं कि आप सत्य बोलते हैं और सच्चाई से ईश्वर के मार्ग कि शिक्षा देते हैं। आप को किसी की परवाह नहीं। आप मुँह-देखी बात नहीं करते।
17) इसलिए हमें बताइए, आपका क्या विचार है- कैसर को कर देना उचित है या नहीं’’
18) उनकी धूर्त्तता भाँप कर ईसा ने कहा, ’’ढ़ोगियों! मेरी परीक्षा क्यों लेते हो?
19) कर का सिक्का मुझे दिखलाओ।’’ जब उन्होंने एक दीनार प्रस्तुत किया,
20) तो ईसा ने उन से कहा, ’’यह किसका चेहरा और किसका लेख है?’’
21) उन्होंने उत्तर दिया, ’’कैसर का’’। इस पर ईसा ने उन से कहा, ’’तो, जो कैसर का है, उसे कैसर को दो और जो ईश्वर का है, उसे ईश्वर को’’।
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Praise the Lord!